प्याज और पालक की कीमतों में आग

 



काटते समय आंसू निकालने वाली प्याज इन दिनों खरीदते समय रोने को मजबूर कर रही है। जो एक से दो किलो प्याज अक्सर खरीदते थे वे अब केवल भाव पूछकर लौट जा रहे हैं। जिनके घर में मेहमान आए हैं वे साहस करके एक पाव से आधा किलो प्याज खरीद रहे हैं। वहीं अन्य सब्जियों के दाम घटने से लोगों को राहत मिली है। वहीं ठंड बढ़ने के साथ सस्ती हो जाने वाली पालक के भाव भी हल के दिनों में बढ़े हैं। जिससे गिने चुने लोग ही इसे खरीद रहे हैं।


15 दिन पहले थोक भाव में प्याज की कीमत 30-35 रुपये प्रति किलो थी जो बढ़कर मंगलवार को 65 रुपये प्रति किलो हो गई। फुटकर बाजार में इसकी कीमत 15 दिन पहले 40-50 रुपये प्रति किलो थी जो मंगलवार को बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो हो गई। पहले रोजाना मंडी से लगभग सात ट्रक प्याज का कारोबार हो रहा था। अब व्यापार घटकर एक से दो ट्रक रह गया है। वहीं अन्य सब्जियों के दाम में आई गिरावट से गृहणियों ने राहत की सांस ली है। अन्य सब्जियों की कीमत में एक चौथाई का अंतर आया है जो सब्जियां 15 दिन पहले 80 रुपये प्रति किलो बिक रही थीं। मंगलवार को बाजार में उनकी कीमत 20 रुपये प्रति किलो हो गई है। ऐसे में प्याज के आंसू पोंछने के लिए लोगों ने दूसरी सब्जियों का सहारा लिया हुआ है।


व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों में बारिश व बाढ़ के चलते नई फसल प्रभावित हुई है। नई फसल तैयार नहीं होने से मांग के अनुरूप पूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसके चलते प्याज की कीमतों में काफी उछाल आया है। माल की आवक कम होने से मांग बढ़ी है। थोक व्यापारियों ने इसकी कीमत में तेजी से इजाफा कर दिया है इसलिए फुटकर बाजार में भी इसकी कीमत में उछाल आया है। प्याज अब तक के उच्चतम स्तर पर है। जहां लोग पहले 1 या 2 किलो प्याज खरीदते थे। आलम यह है कि अब लोग सिर्फ पाव भर प्याज की खरीदारी कर रहे हैं।


सब्जियों की कीमत एक नजर में प्रति किलो के हिसाब से


थोक फुटकर


20 अक्तूबर 5 नवम्बर 20 अक्तूबर 5 नवम्बर


प्याज 26 65 40 80


बोड़ा 30 16 40 30


पालक 20 30 40 50


नेनुआ 20 30 40 50


भिंडी 40 20 60 30


गोभी 60 30 100 50


बैगन 40 15 60 30


गृहिणियों ने कहा


प्याज की बढ़ती कीमत के चलते किचन का मासिक बजट बिगड़ गया है। मध्यम वर्गीय परिवारों को सीमित आमदनी में सब कुछ मैनेज करना होता है। किसी भी चीज की कीमत बढ़ने पर काफी परेशानी होती है।


दिव्या त्रिपाठी, सूरजकुंड


प्याज की कीमतों में आई उछाल के चलते अब पहले की तुलना में प्याज कम खरीदा जा रहा है। साथ ही किचन के बजट पर काफी सोच समझ कर खर्च किया जा रहा है। हालांकि हरी साब्जियों के दाम कम होने से प्याज की कीमत का असर बजट पर नहीं पड़ा