गोरखपुर, पुलिस की गाड़ी जुगाड़ से चल रही है। ऐसा चालकों की कमी की वजह से है। आंकड़े बताते हैं कि छोटे-बड़े 226 वाहनों पर महज 76 ड्राइवर तैनात हैं। जरूरत पडऩे पर गैर प्रशिक्षित सिपाहियों को स्टीयरिंग थमा दी जा रही है, जिससे न केवल पुलिसकर्मियों की बल्कि राहगीरों की जान भी खतरे में है।
रखने के लिए पुलिस विभाग में 226 वाहनों का इंतजाम है। इसमें 197 गाडिय़ां आम जनता की सुरक्षा जबकि 29 वीआइपी ड्यूटी के लिए हैं। शासन ने गाडिय़ों का तो पर्याप्त इंतजाम कर दिया है, लेकिन ड्राइवर की तैनाती नहीं की है। चालकों की कमी के चलते तकरीबन 150 वाहन पुलिस लाइंस समेत अन्य जगहों पर खड़े हैं। प्रशिक्षित चालकों की कमी गोरखपुर-बस्ती मंडल ही नहीं वरन प्रदेश के सभी जिलों में हैं
अप्रशिक्षित चालक कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। चालकों की कमी के चलते गश्त प्रभावित होने से अपराधियों पर प्रभावी अंकुश भी नहीं लग पा रहा है। वैसे हालात इतने विषम हैं कि थाने में तीन चालक की जगह सिर्फ एक की तैनाती की गई है। चार थानों में तो थानाध्यक्ष वाहनों की कमान संभाल रहे हैं।